Delhi Election 2025
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दिल्ली की राजनीतिक बिसात पर इस बार जातीय समीकरणों का खेल अपने चरम पर है। भाजपा, कांग्रेस और आप ने जाति और समुदायों को टिकट बंटवारे की बाजीगरी से न सिर्फ अपने परंपरागत वोट बैंक को साधने की कोशिश की है, बल्कि विरोधी खेमों में सेंध लगाने के लिए नए समीकरण भी बनाए हैं।
यह चुनाव जातीय समीकरणों, परंपरागत वोट बैंक और नए समुदायों को साधने की सियासत का अखाड़ा बन गया है। भाजपा अपनी गहरी जड़ों और राष्ट्रीय चेहरे पर दांव लगा रही है तो आप काम की राजनीति और बहुजातीय संतुलन के सहारे मैदान में है।
कांग्रेस अपने परंपरागत और अल्पसंख्यक वोट बैंक के भरोसे वापसी की उम्मीद कर रही है। लिहाजा चुनाव परिणाम यह तय करेंगे कि जातीय दांव का यह खेल किस पार्टी के लिए जीत की कुंजी बनेगा। इतना तय है कि दिल्ली का यह चुनाव महज सत्ता की जंग नहीं, बल्कि नई राजनीतिक ध्रुवीकरण की कहानी लिखने वाला साबित होगा।
आप की चाल
बहुजातीय समाज का हर वर्ग साधा
सबका साथ, सबका टिकट की तर्ज पर आम आदमी पार्टी ने अपने वैश्य और पूर्वांचली वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए सबसे अधिक उम्मीदवार उतारे हैं। साथ ही, पार्टी ने जाट और गुर्जर समुदायों पर भी दांव खेलते उनके कई नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। उसकी यह रणनीति भाजपा के परंपरागत वोट बैंक को तोड़ने और बहुजातीय संतुलन बनाने का प्रयास है। इस तरह आप की इस चाल ने सियासी माहौल को और दिलचस्प बना दिया है।